रविवार को दिल्ली का क़ुतुब मीनार साल 1994 में अफ्रीका के रवांडा में हुए ख़ौफ़नाक नरसंहार की 30वीं बरसी की याद में रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में नहाया हुआ दिखा.
इस नरसंहार में तुत्सी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था. इस नरसंहार में क़रीब 10 लाख लोग मारे गए थे. इस नरसंहार की 30वीं बरसी के मौक़े पर भारत सरकार क़ुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी में रंग कर रवांडा की सरकार और वहां के लोगों के प्रति भारत सरकार और यहां के लोगों की सहानुभूति और एकजुटता दिखाई है.
रविवार रात को 8 बजे से 8 बजकर 45 मिनट तक क़ुतुब मीनार रवांडा के झंडे के रंग में नहाया रहा. इस मौके पर भारत सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत में रवांडा की उच्चायुक्त मुकान्गिरा जैकलीन मौजूद रहीं.बीते कई सालों में भारत और अफ्रीकी देश रवांडा के आपसी रिश्तों में काफ़ी नज़दीकी आई है. पीएम मोदी रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे के निमंत्रण पर जुलाई 2018 में रवांडा का दौरा कर चुके हैं. साढ़े तीन हज़ार से अधिक भारतीय और कई भारतीय कंपनियां रवांडा के विकास में अपना योगदान दे रही हैं.
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