Stubble Burning: दिल्ली और आसपास (Delhi NCR) की हवाएं खराब हो रही हैं, लेकिन पंजाब (Punjab) में पराली जलाने का सिलसिला जारी है. यहां 15 सितंबर से 22 अक्टूबर के बीच लगभग 3,700 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इनमें से 60 फीसदी मामले तीन जिलों तरन तारन, अमृतसर और गुरदासपुर (Tarn Taran, Amritsar and Gurdaspur) से हैं. पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के मुताबिक तरनतारन में 1,034 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए. अमृतसर में 895 और गुरदासपुर में 324 मामले दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें: Delhi Pollution: दिल्ली में बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, एक्शन में केजरीवाल सरकार
दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना एक कारण माना जाता है. यही कारण है कि दिवाली (Diwali) पर पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी दिल्ली की हवा (AQI) खराब है. दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 276 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब की श्रेणी में है. आनंद विहार में AQI लेवल सबसे खराब 395 पर पहुंच गया है. साथ ही दिवाली की रात तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका जताई जा रही है.
यह भी पढ़ें: Pollution: दिल्ली की हवाओं में घुलने लगा जहर! फरीदाबाद और नोएडा सबसे प्रदूषित शहर
हालांकि आजतक की खबर के मुताबिक 26 अक्टूबर की शाम से हवा की गुणवत्ता में सुधार होने शुरू हो सकता है. दरअसल उस दिन से सतही हवाएं ऊपर उठने लगेंगी और पंजाब-हरियाणा-पश्चिमी यूपी से दिल्ली की ओर से चलने वाली हवाएं धीमी हो जाएंगी, जिससे पराली से होने वाला प्रदूषण कम हो जाएगा.