केरल में 36 घंटे लंबा चलनेवाला मंदिर उत्सव त्रिशूर पूरम (Thrissur Pooram) शुरू हो गया है. यह केरल में मलयालम माह मेदोम (अप्रैल-मई) के दौरान मनाया जाने वाला सालाना उत्सव है. त्रिशूर पूरम में त्रिशूर और इसके आसपास के दस मंदिर शामिल होते हैं. इस उत्सव को अन्य सभी त्योहारों से ऊपर माना जाता है. इसकी शुरुआत कोचीन के महाराजा राम वर्मा ने की थी. यह उत्सव वडक्कुनाथन मंदिर पर केंद्रित है जहाँ भगवान शिव को श्रद्धा अर्पित करने के लिये जुलूस भेजा जाता है. इस दौरान चेंदा मेलम और पंच वद्यम संगीत के साथ मंदिर के प्रांगण में एक विशाल परेड का आयोजन किया जाता है.
इस त्यौहार की खासियत ये है कि त्यौहार में इस्तेमाल होने वाली हर चीज को हर साल नए सिरे से बनाया जाता है. ये काम ऐसे लोग करते हैं जिन्हें छाते और नेतिपट्टम बनाने का काम आता हो. त्रिशूर पूरम को सभी पूरमों की माँ के रूप में जाना जाता है.