सड़क दुर्घटना (Road Accident) में हुई मौत के एक मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्ब हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि टायर फटना 'एक्ट ऑफ गॉड' (Act of God) नहीं हो सकता बल्कि ये मानवीय लापरवाही है. दरअसल, 2010 में रोड एक्सीडेंट में पुणे से मुंबई आ रहे पटवर्धन की कार का टायर फट गया था जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी.
पटवर्धन के परिवार को 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने के निर्देश पर बीमा कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख किया जिसपर हाई कोर्ट ने कहा कि टायर फटने को एक्ट ऑफ गॉड कह देने मात्र से बीमा कंपनी को मुआवजा देने से बरी नहीं किया जा सकता.