Toxic foam floating on the surface of the Yamuna river: यमुना नदी एक बार फिर अपने खतरनाक हो चुके पानी की वजह से चर्चा में है. समाचार एजेंसी ANI ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें यमुना में भारी मात्रा में बहता हुआ सफेद झाग ( toxic foam ) दिखाई दे रहा है. रुई के फाहे या बर्फ जैसा दिख रहा ये झाग पहले भी कई बार देखा गया है. इस बार ये विजुअल दिल्ली के आईटीओ से आए हैं.
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बता दें कि यमुना नदी की यह विषैली तस्वीर अक्सर ही सामने आती रहती है. इन तस्वीरों को ज्यादा चर्चा दिवाली के बाद आने वाले पर्व छठ के दौरान मिली. जब कई लोगों को इसी झाग वाले गंदे पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हुए देखा गया. इन तस्वीरों को देखकर हर कोई चिंता में पड़ गया था लेकिन सालों बाद भी तस्वीर वैसी की वैसी ही है.
यमुना में कैसे बनता है सफेद झाग
एक्सपर्ट बताते हैं कि झाग के पीछे इंडस्ट्री से केमिकल के रूप में निकला फॉस्फेट है. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट में वाटर प्रोग्राम में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर सुष्मिता सेनगुप्ता ने वन इंडिया को बताया कि सर्फेकेंट्स और फॉस्फेट घरों से डिटरजेंट के तौर पर और इंडस्ट्रीज की लॉन्ड्री से निकलकर नदी के पानी में मिल जाता है. अब सारा का सारा सीवेज ट्रीटमेंट हो नहीं पाता है इसलिए नदी के धीमे बहाव में जब पॉल्युटेंट पानी में पूरी तरह से घुल नहीं पाते हैं, तो झाग का रूप ले लेते हैं.
वहीं, कुछ अधिकारियों के मुताबिक ओखला बैराज के पास पानी गिरने से जो हलचल पैदा होती है, उस वजह से फॉस्फेट से झाग बनने लगता है. सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में दो जगह झाग पैदा होते हैं- आईटीओ के पास और ओखला बैराज के नजदीक