Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया शुक्रवार देर रात मुहर्रम जुलूस (Muharram procession) से पहले ग्वालियर में महाराज बाड़ा के इमामबाड़ा पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने लोगों को पैगाम दिया.
उन्होंने कहा कि हमारी यही कामना है कि हमारा प्रदेश आगे बढ़े और विकास एवं प्रगति के रास्ते पर चले. मोहर्रम की दस तारीख को नवासा-ए-रसूल इमाम हुसैन इस्लाम की खातिर शहीद हो गए थे.
29 जुलाई को इस्लामिक नये साल का पहला पर्व मुहर्रम मनाया जा रहा है. मुहर्रम को आशूरा भी कहा जाता है. सभी जानते हैं कि मुहर्रम खुशियों का नहीं बल्कि मातम और शोक मनाने का महीना है. इस दिन शिया समुदाय के लोग मुहर्रम के दिन काले कपड़े पहनकर पैगंबर मोहम्मद के पोते हज़रत इमाम हुसैन, उनके परिवार और अनुयायियों की शहादत को याद करते हैं.
मुहर्रम महीने के 10वें दिन लोग उनकी शहादत को याद करते हुए ताज़िया जुलूस निकालते हैं। ये ताजिया लकड़ी और कपड़ों से गुंबद की तरह बनाया जाता है जिसे जुलूस के बाद ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया जाता है..मान्यताओं के मुताबिक इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन एक धर्मयुद्ध में शहीद हुए थे.
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