यूपी में भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के सरकारी दावों के बावजूद पशुपालन विभाग में 9 करोड़ 72 लाख रूपय का घोटाला सामने आया है. जिसके बाद पूरी सरकार और अफसरशाही की नींद उड़ गई है. हालांकि इस मामले में मास्टर माइंड सहित 21 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. इस मामले में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन भी शामिल बताए जा रहे हैं.
साल 2018 में उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में 214 करोड़ रुपये की कीमत के आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर यह घोटाला हुआ था. इंदौर के रहने वाले व्यापारी मनजीत भाटिया से जालसाजों ने टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपए ऐंठ लिए. दरअसल ठगी के इस खेल में टेंडर के नाम पर पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया था. इसका मास्टरमाइंड आजमगढ़ का रहने वाला आशीष राय बताया गया है.
साल 2018 में सामने आए इस स्कैम में कई बड़े अधिकारी भी अब लपेटे में आ गए हैं. आशीष के साथ पशुधन राज्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित और निजी सचिव धीरज देव समेत कई लोगों के नाम सामने आए हैं. पुलिस के मुताबिक मिलीभगत कर सभी ने मनजीत भाटिया से पैसे ले लिए और फिर फर्जी टेंडर लेटर भी थमा दिया. जांच हुई तो आरोप सही पाए गए और 13 जून 2020 को मनजीत भाटिया की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई.