राजस्थान में टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत का मामला लोग अभी भूले भी नहीं हैं कि यूपी से भी टीचर (Teacher) की पिटाई से छात्र की मौत का दुखद मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के श्रावस्ती (Sravasti) जिले में एक प्राइवेट स्कूल टीचर (private school teacher) ने कक्षा 3 में पढ़ने वाले 13 साल के छात्र की स्कूल फीस (school fees) के लिए पिटाई कर दी, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत (death) हो गई.
मृतक के भाई का आरोप
मृतक छात्र के भाई का आरोप है कि स्कूल टीचर ने फीस से लिए उसके भाई को बेरहमी से पीटा. मृतक के भाई ने कहा कि उसने टीचर को ऑनलाइन फीस के 250 रुपये भेज दिए थे लेकिन टीचर ने इसे चेक नहीं किया और मेरे भाई को बुरी तरह पीटा, जिससे उसका हाथ टूट गया और खून बहा.
पुलिस का बयान
वहीं मामले पर पुलिस का बयान सामने आया है, अधिकारी ने बताया कि 8 अगस्त को श्रावस्ती के सिरसिया गांव के एक प्राइवेट स्कूल टीचर ने बृजेश विश्वकर्मा नाम से छात्र की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद उसे बहराइच के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 17 अगस्त को उसकी मौत हो गई. मृतक छात्र के चाचा की शिकायत पर स्कूल टीचर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है कि उसने स्कूल फीस के लिए छात्र को पीटा था.
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क्या है जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 ?
स्कूल में टीचर की पिटाई से हुई छात्र की मौतों के बाद सवाल उठ रहा है कि स्कूल में छात्रों की सुरक्षा को लेकर क्या नियम हैं. तो बता दें कि छात्रों की पिटाई के मामलों में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार ने 'किशोर न्याय अधिनियम 2015' यानि 'Juvenile Justice Act' लागू किया है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 17 के तहत स्कूलों मे किसी भी तरह का शारीरिक दंड प्रतिबंधित है. इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 82 के तहत भी जेल और जुर्माने का प्रावधान है और धारा 75 में कहा गया है कि बच्चे की देखभाल और उनकी सुरक्षा स्कूल की जिम्मेदारी होगी.