उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Unrecognized Madrasa) का सर्वे कराने का फैसला किया है. मदरसों के सर्वे का यह काम 5 अक्टूबर तक पूरा करा लिया जाएगा. इसको लेकर तमाम जिलों के डीएम (DM) को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सभी जिलाधिकारी 25 अक्तूबर तक सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) सरकार को सौंप देंगे. योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद (Minister of State for Minority Welfare Danij Azad) ने मदरसों के सर्वे को जरूरी बताया है.
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दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने अपने एक बयान में कहा है कि मदरसों की स्थिति जानने के लिए यह सर्वे जरूरी है. गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का मकसद शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम (Syllabus) और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं (Infrastructure) के बारे में जानकारी जुटाना है. सर्वे में पता लगाया जाएगा कि मदरसों की आय का स्रोत क्या है. साथ ही किस जिले में कितने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे हैं और किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.
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जानकारी के मुताबिक सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराकर, उन्हें मान्यता प्राप्त के दायरे में लाया जाए. साथ ही पात्र मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड से मान्यता दिलाने की कोशिश भी की जाएगी. बता दें कि यूपी में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं. जिनमें से करीब 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है. राज्य में पिछले 6 साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया गया है.