उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक बार फिर कानून के रक्षकों पर भक्षक बनने का आरोप लगा है. सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र के गांव में पुलिस (Police) की दबिश के दौरान एक महिला की कथित तौर पर गोली लगने से मौत (Death) का मामला सामने आने से प्रदेश की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. महिला की हत्या (Murder) मामले में सिद्धार्थ नगर के पूरे थाने के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.
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बीते शनिवार पुलिस इस्लामनगर गांव में गोकशी के एक मामले में अब्दुल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने पहुंची. परिजनों के मुताबिक रात 10 बजे पुलिस का एक दल गांव में आया और दो दिन पहले मुंबई से आए उसके बेटे अब्दुल रहमान को गहरी नींद से उठाकर जबरन साथ ले जाने की कोशिश करने लगा. जब अब्दुल की मां ने उसे गिरफ्तार करने की वजह पूछी तो पुलिसकर्मी गोली चलाने की धमकी देने लगे.
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पुलिस ने जबरदस्ती अब्दुल को उठाया और साथ ले जाने लगी, मां ने अपने बेटे को छुड़ाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर गोली चला दी और अब्दुल को लेकर चली गई. मृतका के बेटे अतीकुर्रहमान और फारूक ने बताया कि वो खून से लथपथ अपनी मां को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक उनकी दुनिया उजड़ चुकी थी. परिजनों ने बताया कि हमें नहीं पता कि पुलिस अब्दुल को गिरफ्तार करने क्यों आई जबकि वो दो दिन पहले ही मुंबई से लौटा है.
न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक ग्रामीणों के बयानों के उलट सदर सर्किल ऑफिसर प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि महिला की मौत ग्रामीणों की गोलीबारी से हुई. पुलिस का कहना है कि जब वे गोकशी के मामले में अब्दुल के खिलाफ दबिश देने गए तो ग्रामीणों ने उन पर हल्ला बोल दिया और पत्थबाजी के साथ गोली भी चलाई. सर्किल ऑफिसर बोले कि ग्रामीणों ने गोलबंद होकर पुलिस की टीम पर हल्ला बोला. महिला को गोली लगने की हर एंगल से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मालूम हो कि इस महीने उत्तर प्रदेश में ये तीसरी घटना है जब दबिश के दौरान महिला की जान गई हो. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां भी सत्तारुढ़ दल पर लगातार निशाना साध रही हैं.