UP Police: यूपी पुलिस के जवानों ने एक दिव्यांग को बेरहमी से पीट दिया. गलती सिर्फ इतनी थी कि दिव्यांग इन पुलिसकर्मियों से पीने के लिए पानी मांग लिया. घटना देवरिया का है और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में यूपी पुलिस के दो कर्मी एक दिव्यांग युवक को पीटते दिख रहे हैं.
पीड़ित व्यक्ति अपनी ट्राइसाइकिल लेकर जाने लगता है. लेकिन दोनों पुलिसकर्मी उसे फिर पकड़ते हैं और पीटते हैं. पीड़ित युवक का कहना है कि वो पुलिसकर्मियों से सिर्फ पानी मांग रहा था. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग इन दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
लल्लनटॉप की खबर के मुताबिक, ये मामला रुद्रपुर कस्बे के आदर्श चौराहे का है. अहलादपुर मरकड़ी गांव के रहने वाले सचिन सिंह 2016 में मुंबई में एक ट्रेन हादसे में शिकार हो गए थे. इसी हादसे में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए. सचिन ने बताया कि वो अक्सर बाहर होटल में ही खाना खा लेते हैं.
शनिवार, 29 जुलाई की देर रात भी उन्होंने ऐसा ही किया. एक ढाबे से वो खाना खाकर घर की ओर लौट रहे थे. जब वो आदर्श चौराहे पर पहुंचे, तब उन्हें प्यास लगी. उन्होंने ड्यूटी में तैनात दो पुलिसकर्मियों से बगल में लगे हैंडपंप से बोतल में पानी भरने की बात कही. आजतक से बात करते हुए सचिन ने बताया कि बाबा ढाबा से देर रात लगभग 11 बजे मैं खाना खाकर निकला. आदर्श चौराहे पर पीआरडी के जवान रोज रात ड्यूटी करते हैं. मेरा हाथ काफी अजीब तरह से महक रहा था.
मैंने उनसे पानी मांगा, उन्होंने पानी नहीं दिया. मेरे पास एक बोतल रखी थी. मैंने उनसे कहा कि जरा बोतल में पानी दे दीजिए सर, जरा हाथ धो लें. दोनों जवान गाली देने लगे. उन्होंने कहा हम तुमको पानी देने के लिए बैठे हैं?' तुमको हम गांजा बेचने में फंसाएंगे. मैंने बताया कि मैं गांजा नहीं बेचता हूं, जॉब करता हूं. पुलिसवालों ने देखा वहां कोई नहीं था, उन लोगों ने मुझसे मारपीट की. आप वीडियो में देख सकते हैं, मैं ट्राइसाइकिल लेकर जाने लगा, तब हमारी चाबी निकाल ली. पुलिसकर्मियों ने मेरा फोन तोड़ दिया. फोन के बगैर मेरा कोई काम नहीं है. पुलिस में शिकायत करने जा रहे हैं. सुनवाई होगी या नहीं, पता नहीं. एसपी ऑफिस से फोन आया था कि आप जाइए, इसलिए मैं जा रहा हूं.
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक बार जब सचिन दोनों के चंगुल से निकल जाते हैं, तब उन्हें दोबारा पकड़ा जाता है और फिर पीटा जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिसवाले सचिन को वहां से थाने ले गए. थाने में दूसरे पुलिसकर्मियों ने दिव्यांग देख उसे छोड़ने को कहा. तब जाकर सचिन को जाने दिया गया. रविवार 30 जुलाई की सुबह सचिन ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से मांग की है कि पिटाई करने वाले दोनों पुलिसकर्मी पर कार्रवाई हो.
आजतक से मिली जानकारी के मुताबिक, ये दोनों पुलिसकर्मी प्रांतीय रक्षक दल (PRD) के जवान हैं. इनकी पहचान अभिषेक सिंह और राजेंद्र मणि के रूप में की गई है. फिलहाल, इन दोनों को ड्यूटी से हटा दिया गया है. मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने तीन अधिकारियों की टीम बनाकर जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित युवक सचिन के पिता सत्यदेव सिंह और मां पुष्पा देवी की एक बीमारी से 2010 में मौत हो गई थी. 26 साल के सचिन अपने दादा रमाशंकर सिंह के साथ रहते हैं.