उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में कथित उच्च जाति के बच्चों द्वारा दलित भोजनमाता के हाथों का खाना खाने से इंकार करने के मामले में एक नया मोड़ आया है. अब इसी स्कूल के दलित छात्रों ने ऊंची जाति की भोजनमाता का बनाया खाना खाने से इनकार कर दिया है.
बताया जा रहा है कि स्कूल के बच्चे दलित भोजनमाता को निकाले जाने से नाराज हैं. स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम सिंह ने शिक्षा विभाग को चिट्ठी भेजी है. इसमें कहा गया है कि बच्चों के बीच इस तरह की चर्चा है कि अगर दलित कुक के पकाए भोजन से सामान्य वर्ग के छात्र नफरत करते हैं तो वे भी सामान्य वर्ग के कुक के हाथों से बना खाना नहीं खाएंगे.
यह पूरा मामला चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग का है. यहां अनुसूचित जाति की महिला को भोजनमाता नियुक्त करने के बाद सवर्ण छात्र-छात्राओं ने भोजन करने से इनकार कर दिया था.
वहीं विवादों के केंद्र में रही दलित भोजनमाता सुनीता देवी ने कहा है कि अभी मामला ख़त्म नहीं हुआ है क्योंकि उन्हें काम पर नहीं रखा गया है