उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की तर्ज पर अब उत्तराखंड (Uttarakhand) के मदरसों (Madrasa) का भी सर्वे (Survey) होगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने इस बाबत बड़ा बयान देते हुए कहा कि ऐसा करना जरूरी है. सीएम ने कहा कि मदरसों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. ऐसे में इनकी जांच बहुत जरूरी हो गई है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड (Uttarakhand Waqf Board) के चेयरमैन शादाब शम्स ने भी इसकी पुष्टि की है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसों के कामकाज और उसकी गतिविधियों को लेकर आ रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है. इसके लिए सभी मदरसों की जांच होगी. वहीं वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स (Shadab Shams) ने कहा कि जिन मदरसों को सरकार पैसा देती है, उसकी जांच कराना सरकार का अधिकार है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह देखना जरूरी है कि जो पैसे दिए जा रहे हैं, उससे मदरसों में तालीम लेने वाले बच्चों को शिक्षा, खाना और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि सर्वे में पता लगाया जाएगा कि मदरसों के पास बिल्डिंग और शिक्षक हैं या नहीं.
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शादाब शम्स के मुताबिक उत्तराखंड में 500 से ज्यादा मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें करीब 103 मदरसे वक्फ बोर्ड के अधीन आते हैं. इन्हें सरकार की ओर से पैसा मिलते है. ऐसे में सरकार वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में अपने सभी मदरसों का सर्वे कराएगा. साथ ही उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं की भी जांच होगी.