वैष्णो देवी मंदिर में भीषण हादसे की वजह मिसमैनेजमेंट है? क्योंकि प्रत्यक्षदर्शी और दुर्घटना में बचे लोगों के बयान तो इसी ओर इशारा करते हैं. घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने कहा कि इस दुखद घटना की कोई और वजह नहीं है बल्कि कुप्रबंधन है. उन्हें पता था कि आज बड़ी संख्या में लोग जुट सकते हैं, लेकिन लगातार लोगों को एंट्री दी गई और फिर यह हादसा हो गया. हालांकि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा कि मौजूदा भीड़ के मद्देनज़र सभी जरूरी उपाय किए गए थे.
बिहार के मुजफ्फरपुर से आईं एक महिला ने कहा कि भाग्यवश हम लोगों की जान बच गई. हमने बहुत से लोगों को फर्श पर मृत पड़े देखा. यह सब देख दिल टूट गया.
गोरखपुर से आए एक व्यक्ति ने कहा कि मंदिर परिसर में बहुत ज्यादा भीड़ थी. मैं पिछले 10 सालों से लगातार वैष्णो देवी दर्शन के लिए आ रहा हूं, लेकिन इस बार जैसी भीड़ कभी नहीं देखी. दुर्घटना के वक्त हम बिलकुल असहाय थे. 6 बजे तक कोई मदद नहीं मिल पाई.
एक अन्य श्रद्धालु ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि यदि बोर्ड का मैनेजमेंट सही होता तो इस घटना को टाला जा सकता था. ऐसी ही स्थिति दुर्घटना से कुछ वक्त पहले भी पैदा हुई थी, लेकिन सौभाग्य से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा. स्थिति कंट्रोल हो गई. माता के दर्शन करने के लिए एक साथ भारी भीड़ आ गई और भगदड़ की स्थिति बन गई. कोई अंदर जाना चाहता था तो कोई बाहर. युवक ने कहा कि जब लोग भागे, उस समय कई लोग फर्श पर लेटे थे. शायद इस वजह से भी ज्यादा नुकसान हुआ.