Rohtak, Haryana: कहते हैं घी अगर सीधे हाथ से न निकले तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है. हरियाणा के रोहतक में एक बेहद रोचक मामला देखने को मिला है. दरअसल हरियाणा सरकार ने एक 102 साल की बुजुर्ग दुलीचंद (Dulichand) को मृत बताकर उसकी पेंशन (pention) बंद कर दी. परेशान बुजुर्ग पिछले 6 महीने से विभाग के चक्कर काटते रहे लेकिन किसी ने उनकी एक ना सुनी.
अब पेंशन काटे जाने से आहत दुलीचंद गुरुवार को बैंड बाजे (band) के साथ अपने जीवित होने का प्रमाण (proof of existence) देने एडीसी कार्यालय पहुंच गए. दुलीचंद बाकायदा पगड़ी पहनकर, हाथ में फरसा लेकर रथ पर सवार हुए. बुजुर्ग पेंशन लाभार्थी के आगे बैंड की धुन पर थिरकते लोग भी शामिल हुए. इस दौरान दुलीचंद के हाथों में तख्ती पर लिखा था- 'थारा फूफा अभी जिंदा है'. हालांकि ADC दफ्तर पहुंचकर बुजुर्ग ने ज्ञापन सौंपा. यहां एडीसी महेंद्रपाल ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन (assurance of appropriate action) दिया.
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पेंशन न मिलने से परेशान होकर बुजुर्ग दुलीचंद ने ऐसा कुछ कर डाला कि चारों ओर उनकी जमकर तारीफ हो रही है. लोग सरकार को सबक सिखाने के बुजुर्ग के तरीके को देखकर उन्हें सलाम ठोक रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद के मुताबिक यह केवल दुलीचंद का मामला नहीं बल्कि हजारों बुजुर्गों की सरकार ने पेंशन से वंचित कर दिया है. दुलीचंद की पेंशन बनवाने के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसको गंभीरता से नहीं लिया.