जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बांदीपोरा (Bandipora) से शुक्रवार अहले सुबह एक और टारगेट किलिंग (Target Killing) का मामला सामने आया. जहां आतंकियों ने बिहार के मधेपुरा (Bihar's Madhepura) के रहने वाले मोहम्मद अमरेज नाम के प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी है. इस घटना के बाद एक बार फिर से लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि कश्मीर में टारगेट किलिंग का यह दौर कब थमेगा. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बीते करीब एक साल के दौरान 20 से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया जा चुका है.
इसे भी पढ़ें: Gujarat News: दर्दनाक सड़क हादसे में 6 की मौत, कांग्रेस विधायक के दामाद ने कार से कुचला
कश्मीर में आतंकी गैर-कश्मीरियों को लगातार निशाना बनाया रहा है. बीते दस महीने के दौरान 8 प्रवासियों की हत्या कर दी गई. 5 अक्टूबर 2021 को बिहार के वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी गई. 16 अक्टूबर 2021 को बिहार के अरबिंद कुमार साह और यूपी के सगीर अहमद, 17 अक्टूबर 2021 को बिहार के राजा रेशी देव और जोगिंदर रेशी देव, 2 जून 2022 को राजस्थान के बैंक मैनेजर विजय कुमार, 2 जून 2022 को ईंट भट्ठे पर काम करने वाले प्रवासी मजदूर दिलखुश कुमार और 4 अगस्त 2022 को बिहार के मुहम्मद मुमताज को निशाना बनाया गया.
इसे भी पढ़ें: Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग, बांदीपोरा में बिहार के मजदूर को मारी गोली
जम्मू-कश्मीर में इस साल टारगेट किलिंग के 20 मामले दर्ज किए गए हैं. इन 20 हमलों में 22 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी, राजपूत समुदाय का एक सदस्य, चार प्रवासी और पंचायत स्तर के चार नेता शामिल हैं. इसके अलावा इस लिस्ट में चार पुलिसकर्मी, सेना का एक जवान, CRPF के दो जवान, RPF के दो जवान और तीन स्थानीय निवासी भी शामिल हैं. टारगेट किलिंग की लगातार हो रही वारदातों से घाटी में दहशत का माहौल है.