बेहतर इलाज के लिए आमतौर पर लोग अमेरिका (America) या यूरोप (Europe) का रुख करते हैं. खासकर बड़ी बीमारी के इलाज के लिए. लेकिन अब ये ट्रेंड बदलने लगा है. अब अमेरिका से भी लोग बेहतर इलाज (Treatment) के लिए भारत (India) का रुख करने लगे हैं. इसी कड़ी में बीते मंगलवार को बेंगलुरु (Benguluru) की रहने वाली 67 साल की एक महिला को इलाज के लिए अमेरिका के पोर्टलैंड से भारत लाया गया है. इस महिला को दिल की गंभीर बीमारी (Severe Heart Disease) है. खास बात ये है कि इन्हें एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) के जरिए 26 घंटे में अमेरिका से लाया गया. इस एरोमेडिकल इवैकुएशन (Aeromedical Evacuation) पर करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आया है.
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भारत आने के दौरान फ्लाइट को दो जगहों आइसलैंड और तुर्की (Iceland and Turkey) में लैंड करना पड़ा. बताया जा रहा है कि महिला के बच्चे अमेरिका में मां के इलाज से संतुष्ट नहीं थे. लिहाजा उन्होंने 1 करोड़ से ज्यादा खर्च कर मां को भारत भेजने का फैसला किया. इस लंबे एयरलिफ्ट (Airlift) की शुरुआत रविवार सुबह ओरेगॉन के पोर्टलैंड (Portland of Oregon) से हुई. महिला को लीगेसी गुड समैरिटन मेडिकल सेंटर (Legacy Good Samaritan Medical Center) से पोर्टलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Portland International Airport) शिफ्ट किया गया. यहां मरीज को सुपर मिडसाइज प्राइवेट जेट चैलेंजर 605 में रखा गया. जिसे फ्लाइंग इंटेंसिव केयर यूनिट बनाया गया. फ्लाइंग आईसीयू (ICU) में तीन डॉक्टर और दो पैरामेडिकल की टीम थी. जो लगातार मरीज की निगरानी कर रही थी.
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बेंगलुरु स्थित एयर एम्बुलेंस सेवा फर्म आईसीएटी के सह-संस्थापक और निदेशक डॉ शालिनी नलवाड़ ने कहा, "अमेरिका में ट्रीटमेंट पीरियड लंबा और खर्चीला था. भारत में महिला को लाने के मुकाबले इसमें ज्यादा खर्च आता. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला के भारतीय पासपोर्ट होल्डर (Indian Passport Holder) होने के चलते हेल्थ इंश्योरेंस के मोर्चे पर कुछ दिक्कतें आ रही थीं. महिला को अपोलो हॉस्पिटल (Appolo Hospital) में भर्ती कराया गया है. जहां उनकी हार्ट सर्जरी (Heart Surgery) की तैयारी चल रही है.