Yasin Malik case: टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर तिहाड़ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जेल प्रशासन ने एक उपाधीक्षक और दो सहायक अधीक्षकों समेत 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
दरअसल यासीन मलिक को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था. मलिक की व्यक्तिगत पेशी पर जजों की खंडपीठ ने एतराज जताया और कहा कि ऐसा कोई आदेश कोर्ट ने नहीं दिया था. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यासीन मलिक जैसे उच्च जोखिम वाले दोषियों को व्यक्तिगत तौर पर पेशी के लिए गृहमंत्रालय ने गाइडलाइन तय की है जिसमें कोर्ट में भी अनुमति लेने की प्रक्रिया है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के ऐतराज को लेकर सॉलिसिटर जनरल ने केन्द्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा था और इसे सुरक्षा में गंभीर चूक करार दिया था. इसको देखते हुए तिहाड़ प्रशासन ने चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है.
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