Lok Sabha Election: एनडीए ने इस बार 400 पार का नारा दिया लेकिन हकीकत इससे कोसो दूर रही. दरअसल 400 पार के नारे ने बीजेपी और एनडीए को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाया. जानकार मानते हैं कि बीजेपी के लिए 400 पार वाले नारे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में अति आत्मविश्वास भर दिया और वोटरों को पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए पहले बीजेपी के कैडर पर जितनी मेहनत करते थे वो इस बार जमीन पर नहीं दिखा नतीजा ये हुआ कि बीजेपी के वोटर सुस्त नजर आए.
विशेषज्ञों की माने तो बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस लोकसभा चुनाव 2024 से दूरी बना ली. उनका मेहनत अब तक बीजेपी को मजबूती देता रहा है. दरअसल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान से भी इसका अंदाजा विशेषज्ञों ने लगा लिया था.
बाइट- नड्डा
यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका
400 पार करने में यूपी के 80 सीटों की अहम भूमिका थी, लेकिन मोदी-योगी की जोड़ी यहां चूक गई. इंडिया गठबंधन की कांग्रेस और एसपी ने मिलकर चुनाव लड़ी लेकिन एनडीए ने उन्हें उतना तवज्जो नहीं दिया. यहां बीजेपी ने ज्यादातर उम्मीदवारों को रिपीट किया जो एंटी इनकमबेंस का शिकार हुए. पेपर लीक, बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी हावी रहे
राजस्थान, हरियाणा में घाटा
2019 में बीजेपी ने राजस्थान की 25 सीटें जीत ली थी वहीं हरियाणा की सभी 10 सीटें अपने नाम किया था लेकिन इस बार चुनाव में राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी को जबरदस्त घाटा लगा. राजस्थान में कुछ महीने पहले ही बीजेपी ने विधानसभा चुनाव जीता है लेकिन लोकसभा चुनाव में हार की कई वजह बतायी जा रही है. माना जा रहा है कि केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के बयान पर राजपूत वोटर बीजेपी से नाराज हैं वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया भी पार्टी से नाराज चल रही है. इसके अलावा हरियाणा में किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना और गैर जाटों के दम पर जीतने के बावजूद उनके लिए काम नहीं करने का आरोप बीजेपी पर लगा है
बंगाल में उम्मीदों पर पानी फिरा
बंगाल में बीजेपी ने टीएमसी को पटखनी देने की रणनीति बनाई थी और संदेशखाली मुद्दे पर जोर शोर से उठाया था जिसका असर भी दिखा. लेकिन चुनाव में ममता बनर्जी की टीएमसी ने अच्छा प्रदर्शन किया और बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया