'महाकाल लोक'… भगवान शिव का अकल्पनीय, अद्भुत और अलौकिक संसार, महाकाल के आंगन के विस्तार के बाद जो भव्य और सुंदर दृश्य सामने आया है, उसे 'महाकाल लोक' के नाम से जाना जाएगा. भव्य प्रवेश द्वार, नक्काशीदार 108 स्तंभ, मूर्तिकला गैलरी इसकी शोभा बढ़ाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में 856 करोड़ रुपये के महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे. उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.
क्या है 'महाकाल लोक' ?
महाकाल मंदिर परिसर को 856 करोड़ रुपए की लागत से 2 चरणों में विकसित किया जा रहा है. इसके पूरा होने के बाद 2.82 हेक्टेयर में फैले महाकाल का पूरा क्षेत्र बढ़कर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा. भक्त 946 मीटर लंबे कॉरिडोर पर चलते हुए महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे. कॉरिडोर पर चलते हुए उन्हें बाबा महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन तो होंगे ही, शिव महिमा और शिव-पार्वती विवाह की भी गाथा देखने-सुनने को मिलेगी. महाकाल लोक के बनने के बाद यह एकमात्र ऐसा मंदिर बन गया है, जहां श्रद्धालु दर्शन के साथ शिव से जुड़ी हर कहानी जान सकेंगे.
कॉरिडोर में लगाए गए हैं रुद्राक्ष-कदम के पौधे
बाबा महाकाल के इस भव्य कॉरिडोर में धार्मिक महत्व वाले 40-45 प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं, जिनमें बेलपत्र, रुद्राक्ष, बकुल, कदम, शमी, नीम, पीपल, वटवृक्ष और सप्तपर्णी शामिल हैं. ये पौधे मंदिर परिसर की शोभा बढ़ाएंगे.
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श्रद्धालुओं की मिलेंगी ये सुविधाएं
महाकाल आने वाले भक्तों के लिए इस कॉरिडोर के तहत कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें भगवान के दर्शनों के साथ ही शांति और भक्ति का विशेष माहौल मिलेगा. यहां मिड-वे जोन के तहत पूजन सामग्री की दुकानें, फूड जोन, रेस्टोरेंट की सुविधा मिलेगी. थीम पार्क के तहत महाकाल की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल, सप्तसागर के लिए डेक एरिया और डेक के नीचे शॉपिंग क्षेत्र और बैठने की व्यवस्था भी है. त्रिवेणी संग्रहालय के पास कार, बस और दोपहिया वाहन की पार्किंग भी बनाई गई है. इसमें 600 से अधिक गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी. इसी क्षेत्र में धर्मशाला और अन्नक्षेत्र भी बनने शुरू हो चुके हैं, वहीं रामघाट की ओर जाने वाले पैदल मार्ग का कायाकल्प, फेरी व ठेले वालों के लिए अलग से व्यवस्था है. रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनामिक लेजर शो देखने को मिलेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों से होगी देखरेख
'महाकाल लोक' कॉरिडोर की देखरेख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से की जाएगी. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा पूरे परिसर की 24 घंटे निगरानी करेगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य विरासत संरचनाओं के संरक्षण पर विशेष जोर देना है. परियोजना के तहत मंदिर परिसर का सात गुना विस्तार किया जा रहा है, जिसके पहले चरण का उद्घाटन पीएम करने वाले हैं.
'महाकाल लोक' कॉरिडोर की अन्य खास बातें
पहले चरण में 351 करोड़ के काम पूरे हो चुके हैं, दूसरा चरण 2023-24 में पूरा किया जाएगा
महाकाल कॉरिडोर में चलने के लिए 200 मीटर लंबा वॉकवे बनाया गया है
पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर और महाकाल थीम पार्क का निर्माण किया गया है
महाकाल प्लाजा को महाकाल मंदिर से जोड़ने के लिए 900 मीटर पैदल मार्ग बनाया गया है
कॉरिडोर में शिव पुराण की कहानियों पर आधारित 25 फीट ऊंची और 500 मीटर लंबी एक दीवार है
कॉरिडोर में 108 शिव स्तंभ हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शा रहे हैं
शहर को लैम्प पोस्टों पर रंग-बिरंगे झंडों से सजाया जाएगा,स्थानीय लोगों के लिए सेल्फी पॉइंट बनाया गया है.
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