महाराष्ट्र (maharashtra) में एकनाथ शिंदे(eknath shinde) की बगावत ने पूरे सूबे में राजनीतिक भूचाल(political crisis) ला दिया है. शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे के साथ 40 विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच चुके हैं. मौजूदा हालात में ऐसा लग रहा है कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक शिंदे के साथ खड़े हैं. ऐसे में अगर पार्टी में दो फाड़ होती है तो बड़ा सवाल ये है कि शिवसेना का सिंबल किसके पास रहेगा. पार्टी के दो फाड़ होने पर दलबदल कानून कानून नहीं लागू होगा क्योंकि शिंदे को दावा है कि उनके पास 40 से ज्यादा शिवसेना के विधायकों का सपोर्ट है.
तो ऐसे में क्या उद्धव के हाथों से महाराष्ट्र की सत्ता के साथ-साथ शिवसेना का बागडोर भी एकनाथ शिंदे छीन सकते हैं? बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिली थी. इसमें से एक विधायक का निधन हो गया है. अब शिवसेना के पास 55 विधायक हैं.
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क्या कहता है दल-बदल कानून?
GFX IN- दलबदल कानून के मुताबिक अगर किसी पार्टी के कुल विधायकों में से दो-तिहाई के कम विधायक बगावत करते हैं तो उन्हें अयोग्य करार दिया जा सकता है. ऐसे में दलबदल कानून से बचने के लिए बागी गुट को कम के कम 37 विधायकों (55 में से दो-तिहाई) की जरूरत होगी. शिंदे के पास इससे अधिक विधायकों का दावा कर रहे हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे के साथ 15 विधायक ही रह रहे हैं. GFX out शिवसेना में टूट के पूरे आसार नजर आ रहे हैं. शिंदे ने साफ कर दिया है कि वो शिवसेना नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हम बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे.