महाराष्ट्र के पुणे में मंगलवार को हुई कार दुर्घटना में जान गंवाने वालों के माता-पिता ने आरोपी लड़के के साथ-साथ उसके माता-पिता को उनके बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है. मध्य प्रदेश के अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा रविवार को पुणे में जिस मोटरसाइकिल से जा रहे थे, उसे एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने टक्कर मार दी. इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी. अश्विनी मध्य प्रदेश के जबलपुर की थे, जबकि अनीश राज्य के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली के थे. अश्विनी की गमगीन मां ममता कोष्टा ने बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद जबलपुर में पीटीआई को बताया, 'हमें उसकी शादी के बाद उसे पालकी में ( दूल्हे के घर) विदा करना था, लेकिन अब हमें उसके शव को अर्थी पर ले जाने के लिए मजबूर किया गया.'
उन्होंने कहा, 'हम अश्विनी के लिए न्याय चाहते हैं. नाबालिग लड़के और उसके माता-पिता को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने उसे ठीक से बड़ा नहीं किया...उन्हें उसे कार नहीं देनी चाहिए थी.' जब उनसे पूछा गया कि किशोर न्याय बोर्ड ने लड़के को निबंध लिखने के लिए कहकर छोड़ दिया है, तो उन्होंने पलटकर कहा, ' यह क्या मजाक है? वह क्या निबंध लिखेगा? एक मजाक चल रहा है.' उन्होंने अश्विनी को 'बहुत प्रतिभाशाली लड़की' के रूप में याद किया। उसकी मां ने अश्रुपूरित नेत्रों से कहा, ‘‘’ वह लाखों में एक थी. उसके बहुत सारे सपने थे। अब सब कुछ यहीं रह गया.’’
अश्विनी के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा, '(पुणे पुलिस) आयुक्त को हटाने से क्या होगा। जब तक कानून सभी के लिए ठीक से लागू नहीं किया जाएगा, अन्य भी ऐसा ही करेंगे.' यह पूछे जाने पर कि लड़के के पिता की गिरफ्तारी के बाद वे चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाए, उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनी प्रणाली के उपायों का उचित कार्यान्वयन भी पर्याप्त होगा. उन्होंने कहा कि हेलमेट नियम के कार्यान्वयन के लिए जांच करने के अलावा, पुलिस को तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाने और बिना नंबर प्लेट के चलने वाले वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के बड़े सपने थे, लेकिन अब सब खत्म हो गया है. अनीश की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके पिता ओम अवधिया ने कहा कि उनका बेटा न केवल अपना भरण-पोषण कर रहा था, बल्कि अपने छोटे भाई की भी देखभाल कर रहा था क्योंकि वह भी पुणे में उनके साथ रहता था. उन्होंने सवाल किया, ‘‘ दोषी को सजा मिलेगी...यह ठीक है...लेकिन अब हम अपने बच्चे को कैसे वापस ला सकते हैं? उसने घटना से दो दिन पहले ही अपनी मां से बात की थी और हमें बताया था कि वह जल्द ही आएगा। वह परिवार के लिए बड़ा सहारा था। अब मेरे छोटे बेटे का क्या होगा? पुणे में उसका खर्च कौन उठाएगा?'
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