RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि "मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. वो साल भर से सुलग रहा है या सुलगाया गया है, हमें प्राथमिकता के आधार पर मणिपुर की समस्या को सुलझाना होगा, इसका ध्यान देना होगा, हमें कैसा बनना है, इसका ध्यान रखना है".
मोहन भागवत ने कहा कि " चुनाव में प्रचार और स्पर्धा रहती है. लेकिन उसकी अपनी मर्यादा है. सत्य का उपयोग करना. हमारे यहां तो परंपरा सहमति बनाकर चलने की है. प्रत्येक व्यक्ति की सोच अलग होती है इसलिए सौ फीसदी मिलना संभव नहीं है इसलिए दो पक्ष है. एक पक्ष एक बात उजागर करता है तो दूसरा पक्ष दूसरा."
चुनाव में जिस प्रकार मनमुटाव हुआ और तकनीक का सहारा लेकर असत्य बातें फैलाई गई है. अच्छे व्यक्ति गलत इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन असत्य परोसने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया. मैं विरोधी पक्ष नहीं कहता हूं मैं प्रतिपक्ष कहता हूं क्योंकि उनका पक्ष अलग है. मर्यादा का पालन नहीं हुआ, सरकार बन गई वही सरकार फिर से आ गई एनडीए की सरकार. जिसे दुनिया मानकों को मानती है उस दृष्टिकोण से हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है. कला विज्ञान खेल हर क्षेत्र में आगे आये हैं. वैश्विक स्तर पर हमारी पहचान बनी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम चुनौतियों से मुक्त हो गये हैं
उन्होने कहा कि चुनाव में संघ को घसीटा गया संघ के लोग इसमें नहीं पड़ते हैं. हम चुनाव में परिश्रम करते हैं. जो सेवा करता है वो मर्यादा से चलता है. काम करते सब लोग हैं लेकिन कुशलता का ध्यान रखना चाहिए. ऐसी मर्यादा रखकर काम करते हैं. मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है.