मणिपुर सरकार ने एक पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हिंसा भड़कने के बाद शुक्रवार को चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया. एक अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त के कार्यालयों में तोड़फोड़ किए जाने, भीड़ द्वारा सीएपीएफ द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को आग लगाने और एसपी कार्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिए जाने के बाद आज सुबह जिले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
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"ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता को उकसाने वाली तस्वीरें, पोस्ट और वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं, जिसका कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर हो सकता है... जानमाल के नुकसान का खतरा है.अधिकारी ने बताया कि एक कथित वीडियो में बंदूकधारियों के साथ देखे जाने के बाद जिला पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिए जाने के कुछ घंटों बाद गुरुवार रात जिले में हिंसा भड़क गई जब भीड़ सरकारी परिसर में घुस गई और वाहनों में आग लगा दी.
सुरक्षा बलों ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे और "न्यूनतम घातक बल" का इस्तेमाल किया.स्थानीय लोगों ने दावा किया कि झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए.चुराचांदपुर स्थित इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने एक व्यक्ति की हत्या के विरोध में शुक्रवार को जिले में बंद का आह्वान किया है.प्रदर्शनकारियों ने हेड कांस्टेबल को सेवा में बहाल करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उसका निलंबन "अनुचित" था.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के करीबी माने जाने वाले राज्य के लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम ने चुराचांदपुर से भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप के बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने वहां भीड़ की हिंसा के मद्देनजर "घृणा अभियान" चलाया था. आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा, "एसपी को तत्काल निलंबन आदेश रद्द करना चाहिए और 24 घंटे के भीतर जिला छोड़ देना चाहिए."