मैरिटल रेप (Marital Rape) को अपराध की श्रेणी में लाया जाए या नहीं, इस पर सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Central Government) से 15 फरवरी तक जवाब मांगा है. सुप्रीमकोर्ट मैरिटल रेप से जुड़ी सभी याचिकाओं पर 21 मार्च 2023 से सुनवाई करेगा. पिछले साल 16 सितंबर 2022 को मेरिटल रेप अपराध है या नहीं ? इस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया था.
बता दें कि चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. भारत में फिलहाल मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है. हालांकि, इसे अपराध घोषित करने की मांग कई संगठन सुप्रीमकोर्ट से कर रहे हैं.
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