केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है. कानून लागू होने के बाद सबसे अधिक खुशी पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय और असम व पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से आए बंगाली समुदाय में मनाई जा रही है. बंगाल के मतुआ समुदाय ने सीएए लागू होने पर सोमवार को उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर स्थित अपने मुख्यालय में जश्न मनाया। समुदाय के लोगों ने कहा, हमारे लिए तो यह एक तरह से ‘दूसरा स्वतंत्रता दिवस’ है.
समुदाय के सदस्यों ने ढोल बजाकर और एक-दूसरे का अभिवादन कर जश्न मनाया तथा सीएए लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया. मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के रहने वाले मतुआ समुदाय के लोग विभाजन और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। मतुआ समुदाय को हिंदुओं का एक कमजोर तबका माना जाता है.