MBBS in Hindi: हिंदी में भी MBBS की पढ़ाई ! 16 अक्टूबर को शाह करेंगे 1st ईयर की हिंदी किताबों को लॉन्च

Updated : Oct 20, 2022 14:25
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Editorji News Desk

MBBS Course in Hindi: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में मेडिकल (MBBS) फर्स्ट ईयर की हिंदी किताबों को लॉन्च करेंगे. इसी के साथ मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा जहां हिंदी में भी MBBS की पढ़ाई की जा सकेगी. कहा जा रहा है कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर फोकस देने के पीएम मोदी के जोर देने के बाद MBBS हिन्दी पाठ्यक्रम की शुरुआत हो रही है.

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हालांकि, MBBS हिन्दी पाठ्यक्रम को ऐसे समय में लॉन्च किया जा रहा है, जब दक्षिण के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय राजभाषा समिति के कदम के खिलाफ आवाज उठाई, और प्रदेश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में हिंदी भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने से इनकार कर दिया. 

शिवराज सिंह ने क्या कहा?

हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना ​​है कि इस पहल से लोगों की मानसिकता बदलेगी, जो यह देखेंगे कि हिंदी माध्यम में शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी करियर में ग्रोथ हो सकता है. 

कैसे तैयार हुई मेडिकल की किताबें? 

राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि फर्स्ट ईयर के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो-केमिस्ट्री की किताबों का हिंदी ट्रांसलेशन पिछले आठ से नौ महीनों में 97 डॉक्टरों की एक समिति ने तैयार किया है.

टास्क फोर्स और एक हिंदी मेडिकल सेल का गठन 

उन्होंने बताया कि “इस साल 11 फरवरी को, हमने पहली बैठक की और बाद में एक टास्क फोर्स और एक हिंदी मेडिकल सेल का गठन किया. फिर किताबों के लेखकों और प्रकाशकों की पहचान की और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों से कंटेंट का हिंदी अनुवाद करवाया गया. 

हालांकि, उन्होंने बताया कि शुरुआत में कई विशेषज्ञ इस विचार से सहमत नहीं हुए. लेकिन, इस पर काम जारी रखा गया. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के एक ग्रुप ने पहला मसौदा तैयार किया, फिर दूसरे ग्रुप ने इसे और बेहतर बनाया. इसके बाद सत्यापन और प्रूफरीडिंग चरणों का भी पालन किया गया. हमने तीन विषयों को चुना क्योंकि फर्स्ट ईयर में ये मुख्य रूप से पढ़ाए जाते हैं. 

समिति के सदस्य डॉक्टर ने क्या कहा?

समिति के सदस्यों में से एक डॉक्टर का कहना है कि सबसे पहली बात ये है कि हमें लोगों के दिमाग से ये हटाना है कि ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि जर्मनों ने ऐसा किया है. डॉक्टर के मुताबिक, इसका उद्देश्य मेडिकल शिक्षा लेने से पहले स्थानीय भाषाओं में पढ़े छात्रों को एक ब्रिज प्रदान करना है.

Amit ShahMBBSBhopal

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