केंद्र की मोदी सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों पर टॉप कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है. हलफनामें में मोदी सरकार ने कहा है कि भारत में शरणार्थियों के रूप में विदेशियों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अपने हलफनामें में केंद्र ने कहा, "दुनिया की सबसे बड़ी आबादी और सीमित संसाधन वाले विकासशील देश के रूप में, देश के लिए अपने नागरिकों को प्राथमिकता देना जरूरी है. विधायी ढांचे के बाहर शरणार्थियों की स्थिति की कोई मान्यता नहीं हो सकती है और शरणार्थी स्थिति की ऐसी घोषणा न्यायिक आदेश के माध्यम से भी नहीं हो सकती है".
केंद्र ने ये भी कहा कि "अधिकांश विदेशियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है. भारतीय संविधान के तहत मौलिक अधिकार केवल देश के नागरिकों के लिए ही उपलब्ध है. इस वजह से याचिकाकर्ता नागरिकों के एक नए वर्क के निर्माण की मांग नहीं कर सकते हैं. इस तहर के फैसले विधायिका के विशेष अधिकार क्षेत्र में हैं और न्यायिक आदेशों के माध्यम से इसकी अनुमति नहीं दी सकती है".