Morbi bridge Collapse: गुजरात में रविवार को हुए मोरबी पुल हादसे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. टॉप कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर रिटायर्ड जज के नेतृत्व में SIT जांच की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट भी मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, और अब 14 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होगी.
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जनहित याचिका में देशभर में सभी पुराने पुल और स्मारक पर जुटने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए नियम बनाने की मांग की गई है. ताकि फिर कभी ऐसी घटना ना हो. साथ ही राज्य सरकारों को पुराने धरोहर और पुलों के सर्वे के लिए एक कमेटी बनाने का की मांग की गई है.
उधर, इस मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें पुल मैनेजर, 2 कॉन्ट्रेक्टर, 3 गार्ड, 3 टिकट क्लर्क शामिल हैं. लेकिन लगातार सवाल उठ रहे हैं कि पुल की देखरेख करने वाली कंपनी ओरेवा के मालिक अब तक गिरफ्त से बाहर क्यों हैं. साथ ही इस बात पर भी बहस छिड़ी है कि आखिर सीएफएल बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ओरेवा को 100 साल से भी ज्यादा पुराने एक ऐतिहासिक पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका कैसे दिया गया?
बता दें कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज भारी भीड़ के कारण टूट गया. जिसे 25 अक्टूबर को ही मरम्मत के बाद खोला गया था. इससे पहले ये पुल सात महीने से रेनोवेशन के लिए बंद था. हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई घायल हैं.