गुजरात (Gujarat) के मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) में 135 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. अब एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) में ओरेवा ग्रुप (Oreva Group) और नगर निगम द्वारा भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही का खुलासा हुआ है. ओरेवा समूह, जिसके पास पुल के रखरखाव, संचालन और सुरक्षा का ठेका था. उसने 30 अक्टूबर को पुल ढहने वाले दिन 3,165 टिकट (Ticket) जारी किए थे. ये पुल कितना भार सह सकता है, इसका कभी आंकलन ही नहीं किया गया. कंपनी ने जिन गार्ड (Gaurd) और टिकट कलेक्टर को रखा हुआ था, वो सभी दिहाड़ी मजदूर थे. सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में गार्ड को कभी नहीं बताया गया. उन्हें ये भी नहीं बताया गया था कि पुल पर कितने लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए.
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एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पुल की केबलों में जंग लग गई थी. एंगल टूट गए थे और केबल को एंकरों से जोड़ने वाले बोल्ट ढीले हो गए थे. बता दें कि 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में पुल गिर गया था. इसके बाद पुलिस ने मोरबी पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा ग्रुप के चार लोगों सहित 9 लोगों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही पुल के रखरखाव तथ्ज्ञा संचालन का काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मच्छु नदी में बना ये पुल ब्रिटिश काल में बनाया गया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मोरबी पुल हादसे को बड़ी त्रासदी करार देते हुए सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट से इस मामले में निगरानी करने को कहा था. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा था कि इस हादसे की जांच, पुनर्वास और पीड़ितों को सम्मानजनक मुआवजा दिलाने समेत अन्य पहलुओं की वो समय-समय पर निगरानी करे.
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