छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों ने जो ब्लास्ट किया, वह कितना भयावह था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि हमले वाली जगह पर पांच फीट गहरा गड्ढा हो गया. इस हमले में एक ड्राइवर समेत डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 11 जवान शहीद हो गए.
नक्सलियों ने सड़क के बीचोबीच लैंडमाइन बिछाई हुई थी. यह ब्लास्ट आईईडी (IED) विस्फोटक से किया गया था जिसमें जवानों के वाहन के परखच्चे उड़ गए. इस हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है. जानकारी के मुताबिक नक्सलियों पर कार्रवाई करने के लिए अतिरिक्त फोर्स को भी बुला लिया गया है.
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ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने नक्सलियों के खत्म करने के उद्देश्य से साल 2008 में DRG का गठन किया था. जानकारी के मुताबिक DRG के जवान बीते मंगलवार को ऑपरेशन पर गए थे और वहीं से लौटते वक्त उनपर हमला हुआ. हमला जिस तरह से किया गया है, उससे साफ पता चलता है कि नक्सलियों ने इसकी प्लानिंग पहले से कर रखी थी और उन्हें मालूम था कि जवान इसी रास्ते से वापस आएंगे.हमले में जिन जवानों से शहादत दी है उनमें नव आरक्षक हरिराम मणडावी, नव आरक्षक जोगा कवासी, लखमू मरकाम, नव आरक्षक दुल्गो मणडावी, प्रधान आरक्षक जोगा सोढ़ी, मुन्नाराम कड़ती, संतोष तामो, गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, जयराम पोड़ियाम, जगदीश कवासी और गाड़ी का ड्राइवर धनीराम यादव शामिल हैं.
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सरकार के 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में 8 जिले नक्सल प्रभावित हैं. ये जिले हैं-दंतेवाड़ा, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, राजनंदगांव और कोंडागांव. अप्रैल 2021 में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि साल 2011 से लेकर 2020 तक यानी 10 साल में छत्तीसगढ़ में 3 हजार 722 नक्सली हमले हुए हैं, जिसमें 489 जवान शहीद हुए.