इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (netaji subhas chandra bose) की प्रतिमा लगाए जाने का मुद्दा इन दिनों गरम है. इसी माहौल में जर्मनी (Germany) में रहने वाली नेताजी की बेटी अनीता बोस (Anita Bose) ने बड़ी बात कही है. उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) उनके पिता को राजनीति से दूर रखना चाहते थे...यही वजह से है कि 1930 में जब सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया को गांधीजी उससे काफी नाराज हो गए. अनीता ने ये भी कहा कि मेरे पिताजी देश के विभाजन के खिलाफ थे. यदि तब मेरे पिता जीवित होते तो गांधीजी से मतभेद के बाद भी वे देश का विभाजन स्वीकार नहीं करते.
अपने इंटरव्यू में अनीता बोस ने कहा कि इंदिरा गांधी देश की ऐसी पहली प्रधानमंत्री थी, जिन्होंने INA को पहचान दी थी, लेकिन उन्होंने भी भेदभाव यह किया कि आजादी के बाद INA के सैनिकों को सेना में शामिल नहीं किया. अनीता ने नेताजी को उचित सम्मान नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि उस समय की सरकार को ऐसा लगा कि भारत को जो आजादी मिली है वो अहिंसा की वजह से मिली है, लेकिन कई दशक बाद दस्तावेजों के आधार पर पता चला कि भारत की आजादी में आजाद हिंद फौज की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसके साथ ही अनीता बोस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडिया गेट पर नेताजी के अलावा गांधीजी की प्रतिमा भी लगाई जा सकती है.