प्रधामंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भवन को सिर्फ पुरानी पार्लियामेंट कहकर छोड़ दें तो ऐसा नहीं होना चाहिए. इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि भविष्य में अगर सभी की सहमति हो तो इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए. ताकी यह हमेशा हमारे जीन की प्रेरणा बनी रहे. जब हम इसे संविधान सदन पुकारेंगे तो यह उन महापुरुषों की भी याद दिलाएगी, जो कभी संविधान सभा में बैठा करते थे. भावी पीढ़ी को यह तौहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए.