NFHS Survey: देश की आबादी की रफ्तार में कमी आई है, हिंदू हो या मुस्लिम हर धर्म के लोग कम बच्चे चाहते हैं. NFHS यानी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (Survey) की ताजा रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार 2.2% से घटकर 2% हो गई है, और सभी धर्मों में ये पहले की तुलना में कम हुआ है. सबसे दिलचस्प ये है कि मुस्लिम समुदाय में इस मामले में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है.
इसके अलावा बेटों की चाहत, घरेलू हिंसा और जनसंख्या दर पर महिलाओं की शिक्षा के सीधा असर को लेकर भी रिपोर्ट में डाटा पेश किये गए हैं. सरकार ने इसी हफ्ते ये डाटा पेश किया है. यहां जानें NFHS रिपोर्ट की अहम बातें.
NFHS सर्वे की रिपोर्ट
देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार 2.2% से गिरकर 2% हुई
मुस्लिम समुदाय में सबसे ज्यादा 9.9 फीसदी की गिरावट
दूसरे समुदायों के तुलना में मुस्लिमों में फर्टिलिटी रेट अब भी ज्यादा
NFHS ने पहली बार 1992-93 में यह सर्वे किया था शुरू
तब से अब तक टोटल फर्टिलिटी रेट में 40% की गिरावट
टोटल फर्टिलिटी रेट 3.40 से कम होकर 2.0 रह गई है
अब तक पांच बार एनएफएचएस का सर्वे हो चुका है
मुस्लिमों का TRF 46.5% और हिंदुओं का 41.2 % कम हुआ
दो बेटियों वाली 65% महिलाएं ऐसी जिन्हें बेटे की ख्वाहिश नहीं
क्यों घट रही है जन्म दर?
67% लोगों के पास गर्भनिरोधक साधन पहुंच रहे हैं.
पिछली बार यह संख्या 54% थी.
हालांकि, अब भी 9% परिवारों के पास यह साधन नहीं है
शिक्षा भी है अहम वजह
बच्चों की संख्या का सीधा संबंध मां की शिक्षा से
मुस्लिमों में 15 से 49 साल की 31.49% महिलाएं अशिक्षित और 44% शिक्षित
हिंदुओं में यह आंकड़ा 27.6 फीसदी और 53 फीसदी का है.
NHFS सर्वे में 8.25 लाख लोग शामिल
एनएफएचएस-5 भारत के 6.37 लाख घर-परिवारों पर आधारित है। यह परिवार 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में रहते हैं। सर्वे में कुल 7,24,115 महिलाएं और 1,01,839 पुरुषों से जवाब लिए गए