Bihar Politics: बिहार में एक बार फिर से नीतीशे सरकार. जी हां, एक या दो बार नहीं, बल्कि 9वीं बार. इस बार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एनडीए (NDA) के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बनाई. नीतीश ने महागठबंधन (Alliance) ऐसे समय पर छोड़ा है, जब कुछ ही महीने में आम चुनाव होने वाले हैं.
इस बीच लोग उन्हें 'राजनीति के पलटूराम' का टैग देने से भी पीछे नहीं हटे, लेकिन ऐसा क्यों है कि नीतीश को ये टैग मिला. आइये जानते हैं कि नीतीश कुमार ने कितनी बार अपना पाला बदला. कई मोहरों को इस राजनीति की गलियारों में फेंका, लेकिन वजीर खुद ही रहे.
महागठबंधन के साथ उन्होंने 2017 तक सरकार चलाई. इस दौरान वह सीएम पद पर काबिज रहे. हालांकि, फिर तेजस्वी यादव का नाम IRCTC घोटाले में आया और नीतीश ने चौथी बार पलटी मारते हुए बीजेपी में जाने का फैसला किया.
साल 2020 चुनाव में जब जेडीयू को 43 सीटें मिलीं तो उन्हें दिक्कतें होने लगीं. इसके बाद उन्होंने 2022 में पांचवीं बार पलटी मारते हुए बीजेपी का दामन छोड़ा और फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए.
2022 के बाद नीतीश भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए देश भर की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की मुहिम छेड़ी और INDIA गठबंधन के गठन में अहम रोल अदा किया, लेकिन ये साथ भी ज्यादा नहीं चल पाया. 28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया और उन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया.
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