कॉलेजियम सिस्टम ( Collegium System) पर उठ रहे सवालों के बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने संविधान दिवस(Constitution day) की पूर्व संध्या पर बड़ी बात कही है. CJI ने कहा है कि लोकतंत्र (democracy)में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं होती है और हमें मौजूदा व्यवस्था के भीतर ही काम करना पड़ता है. उन्होने कहा कि न्यायाधीश वफादार सैनिक होते हैं जो संविधान लागू करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का हित सिर्फ जनहित याचिका से नहीं होता है बल्कि इस बात से होता है कि न्याय तक सभी की पहुंच हो. इसके साथ ही उन्होंने वकीलों के ड्रेस कोड पर भी अपनी बात रखी और कहा कि वकील अभी भी वही एक जैसी ड्रेस हर मौसम में पहनते हैं जो गर्मी के मौसम के हिसाब से काफी दिक्कत देती है. उन्होंने कहा कि कम से कम गर्मी के लिए किसी बेहतर ड्रेस कोड पर विचार होना चाहिए.जो पेशे के हिसाब से गरिमापूर्ण भी हो.
न्यायिक कार्यालयों को युवा वकीलों के लिए और आकर्षक बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि युवा वकीलों को न्यायाधीशों द्वारा सलाह दी जाये. सीजेआई ने कहा कि लोग समाज में लोगों के प्रति प्रतिबद्धता की भावना के लिए न्यायाधीश बनते हैं.उन्होंने ये भी कहा कि जज बनना अंतरात्मा की पुकार है.
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संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर सुप्रीम कोर्ट में एक कार्यक्रम में उन्होने ये बातें कहीं. कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी शामिल हुए. हर साल की तरह 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है जिसको संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया.इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रिरिजू ने भारतीय संविधान पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम का भी शुभारंभ किया.
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