भीषण गर्मी के बीच गौतमबुद्धनगर जिला स्वास्थ्य विभाग को 18-20 जून के बीच तीन दिन के दौरान पोस्टमॉर्टम के लिए कम से कम 75 शव मिले हैं.अधिकारियों ने यह जानकारी दी.गौतमबुद्धनगर के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर एक दिन में पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जाने वाले शवों की औसत संख्या सात से आठ होती है. उन्होंने इन मौतों को 'अप्रत्याशित' बताया.
हालांकि, विभाग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या इन मौत का सीधे तौर पर लू कारण है.गौतमबुद्धनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा, “पोस्टमॉर्टम के मामलों में वृद्धि हुई है और यह वृद्धि काफी अप्रत्याशित है.आम तौर पर प्रतिदिन 7-8 मामले आते हैं। 18 जून को हमें 28 शव मिले. 19 जून को हमें 25 शव मिले और 20 जून की शाम तक हमें 22 शव मिले.”
उन्होंने बताया कि इनमें से 20 लोगों को अस्पतालों में 'मृत अवस्था में लाया गया' तथा उनमें से 10 'अज्ञात' थे.शर्मा ने कहा कि मामलों में 'अप्रत्याशित' वृद्धि को देखते हुए पोस्टमॉर्टम ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है.
लू के प्रभाव पर सीएमओ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि मौसमी परिस्थितियां भीषण हैं और यह 'सामान्य गर्मी नहीं है.'उन्होंने कहा ' यह भीषण गर्मी है और इसमें मौत की आशंका बढ़ जाती है.' शवों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए नोएडा के सेक्टर 30 स्थित बाल चिकित्सा संस्थान के निदेशक ने अपने शवगृह के आठ 'फ्रीजर' के उपयोग की अनुमति दे दी है.स्वास्थ्य विभाग ने कहा, 'इससे चालू फ्रीजर की कुल संख्या 14 हो गई है, जिनका उपयोग अब पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को रखने के लिए किया जा सकता है.' विभाग ने बताया कि इसके अतिरिक्त, कैलाश अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल और फेलिक्स अस्पताल ने भी अपने शवगृह फ्रीजर के उपयोग की अनुमति दे दी है.