बिलकिस बानो गैंगरेप (Bilkis Banu Gang Rape) के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तल्ख सवाल पूछे हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो रातों-रात दोषियों को छोड़ने का फैसला किया गया. कोर्ट ने पूरे मामले में दोषियों को प्रतिवादी बनाने को कहा है. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
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याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सवाल यह है कि दोषी गुजरात (Gujrat) के नियमों के तहत छूट के हकदार हैं या नहीं? साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि छूट देते समय इस बात का ध्यान रखा गया या नहीं. इससे पहले याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सीबीआई (CBI) ने इस पूरे मामले की जांच की थी. ऐसे में दोषियों की सजा में छूट का फैसला गुजरात सरकार (Gujrat Government) एकतरफा नहीं कर सकती है. ऐसा करने से पहले राज्य सरकार को इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) से सलाह लेना जरूरी है.
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स्वतंत्रता दिवस पर हुई थी रिहाई
बता दें कि साल 2008 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 13 में से 11 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उम्रकैद (Life Prison) की सजा सुनाई थी. गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत गैंगरेप केस के सभी दोषियों को स्वतंत्रता दिवस (Independence day) पर रिहा कर दिया. जिसके बाद से ही गुजरात सरकार के इस फैसले पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे.