NTA ने नीट-यूजी के लिए Re-examination का रिजल्ट घोषित कर दिया है और रिवाइज्ड रैंक लिस्ट भी जारी की है. NTA ने पांच मई को आयोजित की गई परीक्षा में छह केंद्रों पर देरी से परीक्षा शुरू होने के कारण समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1,563 परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क दिए थे. इन्हीं कैंडिडेट्स की पुन: परीक्षा आयोजित किए जाने के बाद यह रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 जून को सात केंद्रों पर आयोजित की गई पुनः परीक्षा में 1,563 परीक्षार्थियों में से 48 प्रतिशत उपस्थित नहीं हुए थे. एनटीए के अधिकारियों ने बताया कि 1,563 परीक्षार्थियों में से 813 ने दोबारा परीक्षा दी जबकि अन्य ने ग्रेस मार्क छोड़ने का विकल्प चुना.चंडीगढ़ केंद्र में सिर्फ दो अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी वहां एक भी परीक्षार्थी उपस्थित नहीं हुआ. जांच के घेरे में आये हरियाणा के झज्जर जिले के केंद्र पर 58 प्रतिशत उपस्थिति रही, जहां 494 परीक्षार्थियों में से 287 ने पुन:परीक्षा दी. आरोपी लगे थे कि ग्रेस मार्क की वजह से हरियाणा के एक ही केंद्र से छह परीक्षार्थियों के साथ 61 अन्य उम्मीदवारों को पूरे 720 अंक मिले। उच्चतम न्यायालय ने कृपांक को रद्द करने का आदेश दिया और पुन: परीक्षा का विकल्प दिया.
एनटीए के एक अधिकारी ने पहले कहा था, ‘‘कम से कम 52 प्रतिशत - 1,563 उम्मीदवारों में से 813 - पुनः परीक्षा में शामिल हुए। चंडीगढ़ में कोई भी अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हुआ, जबकि छत्तीसगढ़ से उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 291, गुजरात से एक, हरियाणा से 287 और मेघालय से 234 थी’’ एनटीए की ओर से पांच मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी का आयोजन किया गया था, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.
पहले इसका परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जल्दी पूरा हो जाने के कारण परिणाम चार जून को घोषित कर दिए गए. यह परीक्षा देने वाले 67 छात्रों ने 720 अंक हासिल किए जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है। इनमें हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र भी शामिल थे, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया है. देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है.
प्रश्नपत्र लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण विरोध प्रदर्शन हुए और अदालत में याचिकाएं दायर की गईं और विभिन्न वर्गों ने संपूर्ण रूप से पुन: परीक्षा की मांग की. हालांकि, केंद्र ने कहा कि अनियमितताओं की घटनाएं ‘‘स्थानीय स्तर’’ पर हुई थीं और वह उन लाखों उम्मीदवारों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकता, जिन्होंने उचित तरीके से परीक्षा पास की है.