नूंह में हिंसा के बाद देश भर में ये मुद्दा गर्माया हुआ है. यहां पर 31 जुलाई को हिंदू संगठनों की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई. सैकड़ों दंगाइयों ने यात्रा में आए लोगों की गाड़ियां तोड़ दीं. पहाड़ियों में छिपकर फायरिंग की गई, जिसमें 2 होमगार्ड और 4 नागरिकों की मौत हुई. इस हिंसा का आरोपी बिट्टू बजरंगी निकला. हाल ही में उसे पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया.
अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की महिला वकीलों की फोरम ने कार्रवाई की मांग की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 101 महिला वकीलों ने 3 पेज के लेटर पर साइन किया है. इसमें उन्होंने नफरत भरे भाषण वाले वीडियो पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से 3 मांगे की हैं.
इसमें हरियाणा सरकार को इन्हें रोकने के लिए कदम उठाने, भाषण के वीडियो पर रोक लगाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.
सीजेआई को लिखे पत्र में कहा गया है कि "हरियाणा की रैलियों में नफरत फैलाने वाले भाषण से हिंसा भड़कने के खतरे के साथ सांप्रदायिक भय, उत्पीड़न और भेदभाव का माहौल पैदा होता है."