Odisha Train Accident:ओडिशा (Odisha) के बालासोर में हुए रेल हादसे (Train Accident) ने कई लोगों के घर उजाड़ दिये. हादसे में कई परिवार खत्म हो गये तो कई घरों के कमानेवाले नहीं रहे. ऐसा ही एक परिवार झारखंड के दुमका का है. परिवार के दो बेटे और एक दामाद हादसे का शिकार हुए. तीनों मजदूरी करने कोरोमंडल एक्सप्रेस से जा रहे थे. अब परिवार में कोई कमानेवाला नहीं बचा. ऐसे में 70 साल के बुजुर्ग सोनवा मरांडी सोच रहे हैं कि अब क्या किया जाए ताकि परिवार का गुजारा चल सके. पहले तो बेटे कमाकर घर भेजते थे लेकिन अब बेटी का गम भी उन्हें परेशान कर रहा है. तीन कमाउ सदस्य के जाने से परिवार पूरी तरह बेबस है.
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सोनवा दो बेटों की लाश की शिनाख्त के लिए भुवनेश्वर पहुंचे हुए हैं हालांकि दामाद का शव परिजनों को सौंप दिया गया है. आपको बता दें कि झारखंड के बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाते हैं और पैसे कमा कर घरवालों को भेजते हैं. आपको बता दें कि ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में 288 लोगों की जान चली गई जबकि एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हैं. इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने बयान जारी कर हादसे के बारे में विस्तार से बताया. बयान में कहा गया है कि, "ट्रेन संख्या- 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express Accident) बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के मेन लाइन से गुजर रही थी. उसी समय अप लूप लाइन पर उसकी टक्कर मालगाड़ी से हो गई. जिस समय ये हादसा हुआ कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पूरी रफ्तार में थी. उसे स्टेशन पर रोकना संभव नहीं था. जिसके कारण ये हादसा हो गया, रेलवे ने बताया कि 21 कोच पटरी से उतर गई और जबकि 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए.