Odisha High Court : ओडिशा हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में दोषी शख्स की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. दरअसल, दुष्कर्मी अकील अली को 6 साल की नाबालिग बच्ची के और उसकी हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने यह माना की अली अब पश्चाताप करने की कोशिश कर रहा है.
फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति एस.के. साहू और न्यायमूर्ति आर.के. पटनायक की खंडपीठ ने कहा कि अली ने बार-बार नमाज पढ़कर पश्चाताप दिखाया है. इससे उसके ईश्वर के प्रति समर्पण का भी पता चला है.
न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि सजा अनुपातहीन रूप से बड़ी नहीं होनी चाहिए. यह तो न्याय के लिए उचित दंड का परिणाम है. यह उसी सिद्धांत द्वारा निर्धारित है, जो निर्दोष को दंडित करने की अनुमति नहीं देता है. आपराधिक आचरण के लिए जो सजा मिलनी चाहिए, उससे ज्यादा बड़ी सजा बिना अपराध के सजा है.
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