ओडिशा हाई कोर्ट के Chief Justice ने उठाए सवाल, बोले- गरीबों के साथ भेदभाव कर रहा है देश का कानून

Updated : Apr 15, 2022 11:43
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Editorji News Desk

ओडिशा हाई कोर्ट(Orissa High Court) के चीफ जस्टिस एस मुरलीधर (Justice S Muralidhar) ने खुद ही भारतीय अदालत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि देश का कानून (India Laws) गरीबों (backward) के साथ भेदभाव (discrimination) कर रहा है. जस्टिस एस मुरलीधर के मुताबिक कानून को इस तरह से ढाल दिया गया है कि वो गरीब और अमीर के लिए अलग-अलग तरह से काम करता है. उन्होंने कहा कि हाशिये पर खड़े व्यक्ति के लिए इंसाफ पाना बहुत मुश्किल है. उसके सामने कई चुनौतियां होती हैं.

पिछड़ों को कैसे मिलेगा न्याय!

बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर आंकड़ों पर चर्चा करते हुए जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि भारत में 3.72 लाख अंडर ट्रायल लोगों की 21% आबादी और 1.13 लाख दोषी अपराधियों में 21% अपराधी अनुसूचित जाति (Schedule caste) से हैं. इसी तरह 37.1 फीसदी दोषी और 34.3 फीसदी विचाराधीन कैदी OBC के हैं. इसी तरह 17.4% दोषी और 19.5% विचाराधीन कैदी मुसलमान (Muslims) हैं.

यह भी पढ़ें: MP में बुलडोजर से हुआ एक्शन तो बोले लोग- 2025 तक न्यायालय की नहीं पड़ेगी आवश्यकता

...ताकि वो बोल न सकें

जस्टिस एस मुरलीधर ने एक रिसर्च का हवाला देकर कहा कि दलित और आदिवासी समुदाय से आने वाले वकील जो मानवाधिकार से जुड़े होते हैं, उनपर माओवादियों या नक्सलवादियों का वकील होने का ठप्पा लगा दिया जाता है.

Orissa HCJustice S MuralidharOBC

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