Parliament Session: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष को भी जमकर खरी खोटी सुनाई. उन्होने कहा कि
" संविधान एक किताब नहीं जिसे चूमा जाए और दिखाया जाए. संविधान एक सिंबल भी है. इसमें हर समुदाय और मजहब को मानने वालों की राय को शामिल किया जाए. मगर यहां सिर्फ चार फीसदी मुसलमान जीतकर आता है. मैं कहना चाहूंगा कि कभी पढ़ो नेहरू ने क्या कहा था. ओबीसी समाज के एमपी अब अपर कास्ट के बराबर हो चुके हैं लेकिन 14 फीसदी मुसलमान और चार फीसदी जीतकर आते हैं. उन्होंने सीएसडीएस के डेटा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये जीत आपकी नहीं, बहुसंख्यकवाद की है. मनसुख मंडाविया ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि माननीय सदस्य ने जो कहा है, उसको ऑथेंटिकेट किया जाए. मोदी के बुलडोजर को भी ऑथेंटिकेट किया जाए. ओवैसी ने कहा कि मंत्रीजी के पेट में दर्द हुआ, धन्यवाद. मोदीजी को जो मैंडेट मिला है वह सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों से नफरत के बल पर मिला है. उन्होंने आगे कहा कि आज भारत के आधे नौजवान बेरोजगार हैं. बेरोजगारी का आलम यह है कि छह पेपर लीक हो गया. रसिया जा रहे हैं और जान दे रहे हैं. मोदी सरकार कैंप चला रही है कि इजरायल जाकर काम करो. इजरायल को हथियार जा रहे हैं, नस्लकशी हो रही है. क्यों नहीं मोदी सरकार डिमांड ड्रिवेन कर रही है. पन्नू केस में निखिल गुप्ता को किसने ऑर्डर दिया था मारने का. अगर नहीं दिया तो उसको बचाइए. अपनी तकरीरको टीपू सुल्तान की फोटो है, क्या आप इसपर भी नफरत करेंगे. संविधान में टीपू सुल्तान की फोटो है और उस पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने साइन किए थे.ओवैसी ने शायरी के साथ अपनी बात पूरी की- 'क्या दिन दिखा रही है सियासत की धूप-छांव...'