सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है. पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार को अखबारों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया. जिसमें ‘बिना शर्त सार्वजनिक माफी’ के नाम से अखबारों में बड़े आकार में माफीनामा छपवाया गया है.
पतंजलि ने अखबारों में नया विज्ञापन जारी किया
और साथ ही माफीनामा में कहा गया है कि ‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रहे एक मामले के मद्देनजर हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से माननीय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं.
’स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण के नाम से अखबारों में दिए गए माफीनामे में आगे कहा गया कि हम विगत 22.11.2023 को बैठक/ संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी क्षमाप्रार्थी हैं. हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलती के लिए भी ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं और पूरे मन से प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि ऐसी त्रुटियों की पुनरावृति नहीं होगी. हम पूरी सावधानी और अत्यंत निष्ठा के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हम न्यायालय की महिमा का सम्मान बनाए रखने और लागू कानूनों एवं माननीय न्यायालय/ संबंधित अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं.आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में योगगुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ को बताया था कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी थी.
और अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? क्या आप हमेशा इतने साइज का ही विज्ञापन देते हैं?बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई है.
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