Bihar News: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में वकील अक्सर अंग्रेजी में मामलों पर बहस करते हैं. अदालत भी केस के फैसले अंग्रेजी में सुनाती है. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस परंपरा को तोड़ते हुए एक केस का फैसला हिंदी में सुनाया है. शराब बरामदगी से जुड़े मामले में पटना हाईकोर्ट के जस्टिस डॉक्टर अंशुमान ने हिंदी में फैसला सुनाकर इस नई परंपरा की शुरुआत की.
बता दें कि न्यायिक व्यवस्था में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए लगातार मांग उठती रही है. इंद्रदेव प्रसाद ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं. पटना हाईकोर्ट में भी वो याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करने के दौरान हिंदी में ही दलीलें पेश कर रहे थे.
दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस डॉक्टर अंशुमान ने वकीलों से पूछा कि वो हिंदी या अंग्रेजी किस भाषा में फैसला सुनाएं. इसके बाद वकील इंद्रदेव प्रसाद ने हिंदी में फैसला सुनाने की अपील की. उनका दावा था कि इससे न्यायिक व्यवस्था में हिंदी को बढ़ावा मिलेगा.