दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन (Indian cooperative congress) को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर हर साल 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
पीएम ने कहा कि सहकारी समितियों को कॉरपोरेट सेक्टर जैसी सुविधाएं और मंच उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होने कहा कि अमृत काल में देश के गांव और किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के सहकारिता विभाग की भूमिका बहुत बढ़ने वाली है. सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे.
उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने एक मिशन, पाम ऑयल शुरू किया है. उसी प्रकार से तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में फैसले लिए जा रहे हैं. देश की सहकारिता संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेगी तो आप देखिएगा कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी मदद मिलती थी वो बिचौलियों के जेब में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे मझोले किसान वंचित ही रहते थे। पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को PM किसान सम्मान निधि मिल रही है.
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