Karnataka Assembly: बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कर्नाटक विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला. लंच ब्रेक ना मिलने और आईएएस अधिकारियों के दुरुपयोग के आरोप को लेकर विपक्षी दलों के विधायक बेल में घुस आए और उन्होंने सभापति की चेयर के साथ ही उप सभापति रुद्रप्पा लमानी (Deputy Speaker) पर कागज फेंके.
बीजेपी विधायकों के इस रवैये से नाराज होकर स्पीकर ने बीजेपी के 10 विधायकों को सस्पेंड (10 BJP MLA Suspend) कर दिया है. इस सत्र के लिए बीजेपी के जिन विधायकों को सस्पेंड कर दिया है, उनमें- सीएन अश्वथ नारायण, सुनील कुमार, आर अशोक, यशपाल आनंद सुवर्णा, डी वेदव्यास कामथ, धीरज मुनिराजू, भरत शेट्टी वाई अरविंद बेलाड, अरागा ज्ञानेंद्र और उमानाथ कोटियन शामिल हैं.
अध्यक्ष ने सदन में हंगामे के बाद यह कार्रवाई की. भाजपा के कुछ सदस्यों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दिया क्योंकि वे दोपहर के भोजन के अवकाश के बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के कादर के फैसले से नाराज थे.
बीजेपी विधायकों के सस्पेंशन के बाद कर्नाटक विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) सहित भाजपा विधायकों को हिरासत में लिया गया और पुलिस वाहन में ले जाया गया.
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बता दें कि पिछले दो दिन विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों के कथित ‘दुरुपयोग’ के लिए कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ भाजपा के विरोध के बीच यह कार्रवाई हुई है.
अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं उनके (10 विधायकों) नाम उनके अशोभनीय और असम्मानजनक आचरण के कारण ले रहा हूं.’ इसके बाद कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि सदन उनकी पीड़ा पर कदम उठाएगा.
पाटिल ने कहा, ‘मैं यह प्रस्ताव पेश कर रहा हूं...मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कर्नाटक विधानसभा नियमावली की धारा 348 के तहत इन सदस्यों को उनके अशोभनीय और अपमानजनक आचरण के लिए शेष सत्र तक विधानसभा से निलंबित करना चाहिए और सदन में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए.’
अध्यक्ष कादर ने कहा, ‘बेहद पीड़ा के साथ मैं इस प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रख रहा हूं.’ ध्वनि मत के आधार पर 10 सदस्यों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.