करीब 106 साल पुराना राष्ट्रपति भवन का 'मुगल गार्डन' अब इतिहास बन चुका है. केंद्र सरकार के नाम बदलने के बाद इसे 'अमृत उद्यान' के नाम से जाना जाएगा.
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'मुगल गार्डन' का इतिहास
1911 में अंग्रेजों ने कोलकाता की जगह दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया. तब रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) बनाया गया और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए खास तरह का बगीचा बनाया गया, जिसमें फूल-पौधे और पेड़ों की प्रजातियां लगाई गईं.
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मुगल गार्डन नाम कैसे पड़ा ?
16वीं शताब्दी में बाबर के हमले के बाद दिल्ली में मुगलों का साम्राज्य शुरू हुआ. कहा जाता है कि इस दौरान मुगलों ने करीब 1200 बागों का निर्माण दिल्ली में करवाया और बाद में अंग्रेजों ने उसी मुगल परंपराओं को अंग्रेजी सौंदर्य में मिला दिया. यही वजह है कि इसका नाम मुगल गार्डन पड़ा.