उत्तर प्रदेश में 18 OBC जातियों को SC में शामिल करने की चर्चा तेज है. योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) अगले मानसून सत्र में विधानसभा (Assembly Monsoon Session) के दोनों सदनों से प्रस्ताव पास कर इसे केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है. 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) में BJP को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है. यूपी में इन 18 जातियों का वोट बैंक करीब 13 प्रतिशत है. इसी वोट बैंक के लिए पिछले 17 सालों के इन्हें SC कैटेगरी में शामिल करवाने की लड़ाई लड़ी जा रही है.
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मुलायम सिंह यादव की नाकाम कोशिश
ये 18 जातियां यूपी में 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर हार-जीत तय करती है. इनके करीब 13 फीसदी वोट पर हर राजनीतिक पार्टी की नजर है. मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने ओबीसी जाति को पाले में लाने के लिए साल 2004 में अलग रणनीति पर काम शुरू किया. निषाद-केवट समेत 17 जातियों को ओबीसी श्रेणी से निकाल कर अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल करने कवायद शुरू की गई. अधिसूचना जारी हुई और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी.
इन जातियों पर राजनीति
यूपी में करीब 13 प्रतिशत का वोट बैंक रखने वाली इन 18 जातियों में मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी और मछुआ जाति शामिल हैं. जानकार मानते हैं कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने इन 18 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिला दिया तो पूर्वांचल में BJP को बड़ा फायदा मिल सकता है.
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सरकार के पास हैं 2 रास्ते
18 OBC जातियों को SC में शामिल करने के लिए योगी सरकार के पास दो रास्ते हैं.